Course Content
HISTORY OF HINDI LITERATURE
0/34
Environmental Studies
English Language and Linguistics
Introduction to Mass Communication
Private: BA Hindi
About Lesson

इकाई : 1

भक्तिकाल – सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक पहलू

Learning Outcomes / अध्ययन परिणाम

  • भक्तिकाल के समय एवं परिस्थिति से परिचय प्राप्त करता है ।
  • भक्तिकाल के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक वातावरण से परिचय प्राप्त करता है ।
  • भक्ति काल के भगवत धर्म के प्रचार एवं प्रसार के बारे में समझ सकता है |
  • भक्तिकाल की समृद्ध दार्शनिक वातावरण से परिचय प्राप्त करता है ।

Prerequisites / पूर्वापेक्षा

भक्ति काल का आरंभ एक विशेष परिस्थिति में हुआ है । उस समय हिन्दू राजाओं की राजसत्ता नष्ट होने के कारण
राज्याश्रयी कवियों का पद भी नष्ट हो गया। इस लिए आजीविका के संकट में भारतवासी भक्ति की ओर प्रेरित हुए।
भक्तिकालीन समय में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृति एक जुड़ हो गयी ।

Key Themes / मुख्य प्रसंग

भक्ति काल से तात्पर्य भगवत धर्म के प्रचार एवं प्रसार से है |

लोक – प्रचलित भाषाएँ भक्ति मार्ग की अभिव्यक्ति का माध्यम के रूप में बदल गयी|

भक्तिकाल की समृद्ध दार्शनिक वातावरण से परिचय प्राप्त करना ।

समन्वय भावना का प्रदर्शन ।

भक्ति काल में सामाजिक-सांस्कृतिक और भाषा संबंधी अभिवृद्धि ।

Discussion / चर्चा

3.1.1  राजनीतिक स्थिति

राजनीतिक दृष्टि से देखें तो भक्ति काल में उत्तर भारत का शासन तुगलक वंश के आरंभ से लेकर मुगल वंश के शाहजहाँ के समय तक का है । तब गोरी वंश का मुहम्मद गोरी भारत पर आक्रमण शुरू किया था । चौहान वंशीय सम्राट पृथ्वीराज चौहान, मुहम्मद गोरी के हाथों से मारा गया । परिणामतः दिल्ली साम्राज्य की स्थापना हुई । कुतुबुद्दीन ऐबक, मुहम्मद गोरी का उत्तराधिकारी बना । सन् 1290 में भारत में खिलजी वंश की स्थापना हुई । करीब छह वर्ष तक जलालुद्दीन खिलजी का शासन काल रहा था ।

अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु के पश्चात गियासुद्दीन ने तुगलक वंश की स्थापना की । सन् 1451 में लोदी वंश स्थापित हुआ । इसमें लोदी वंश के सुलतान सिकंदर लोदी प्रसिद्ध है । सन् 1525 में बाबर भारत आया । बाबर ने यहाँ के राजा-महाराजाओं को पराजित कर भारत में मुगल वंश की स्थापना की । मुगल काल हिन्दी के भक्ति साहित्य का सुवर्ण काल कहा जाता है । अकबर जैसे मानवीय चेहरा दर्शाये, सुसंस्कृत सम्राटों और सत्ताधारियों ने भक्ति के अजस्र प्रवाह को अवश्य प्रोत्साहन दिये ।

3.1.2 सामाजिक स्थिति

तत्कालीन सामाजिक जीवन की ओर दृष्टि डालने पर मालूम होता है कि इस समय हिन्दूओं में जाति-चिंता, वर्ण-व्यवस्था, अंधविश्वास आदि बुराइयाँ जोरों पर थे । हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक या आर्थिक संपर्क और एकता न थे । इस संदिग्ध स्थिति में दोनों के बीच मेल बनाने के लिए कई कवियों ने लेखनी चलाई । स्पष्ट है कि भक्ति काल के कृष्ण भक्ति धारा में कई भक्त मुसलमान थे । वैसे नाथों और सिद्धों ने जाति व्यवस्था का विरोध किया । यह भी नहीं, इस समय यहाँ की व्यापार-व्यवसाय की फैलाव देश-देशांतर में हुई । जिससे सामाजिक-सांस्कृतिक और भाषा संबंधी अभिवृद्धि अवश्य हुई ।

3.1.3 सांस्कृतिक स्थिति

समनव्यात्मकता भारतीय संस्कृति की सब से बड़ी विशेषता है| भक्तिकालीन समय में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियं एक जुड़ हो गयी| संगीत, चित्र-कलाओं में दोनों संस्कृतियों के समन्वय स्थापित हुआ |  इस प्रकार भक्तिकाल में भारत की संस्कृति का रूप अधिक निखारने लगा |

चर्चा के मुख्य बिंदु

भक्ति काल के सामजिक , राजनीतिक, संस्कृतिक स्थिति|

भक्ति काल के महत्त्व |

Critical Overview / आलोचनात्मक अवलोकन

भक्ति काल के आरंभ की स्थिति को समझने के लिए तत्कालीन परिस्थितियों का अध्ययन करना ज़रूरी है। साहित्यिक दृष्टि से देखे तो मुगल काल हिन्दी के भक्ति साहित्य का सुवर्ण काल कहा जाता है।

Recap / पुनरावृत्ति

  • भक्ति भावना जगाने का पर्याप्त परिश्रम ।
  • भक्ति मार्ग के ज़रिये सामाजिक कल्याण मुख्य लक्ष्य बन गया |
  • प्राकृतिक शक्तियों के दैवीकरण और ईश्वर का मानवीकरण होने लगा |
  • भक्ति काल में हिंसक वृत्तियां कोमल वृत्तियों में बदलने लगी |
  • भारतीय जीवन में समय के चलते विदेशी – विजातीय तत्व बदलाव लाने लगे |

Objective Questions / वस्तुनिष्ट प्रश्न

  1. भारतीय संस्कृति की सब से बड़ी विशेषता है क्या है ?
  2. पूर्व मध्यकाल या भक्तिकाल कहाँ से कहाँ तक सीमित है?
  3. भक्ति काल में भक्ति के प्रवाह कितने काव्य-धाराओं में हुई?
  4. ‘भक्तिकाल’ नामकरण किसने दिया है?
  5. पृथ्वीराज चौहान किस वंश के चौहान थे ?
  6. भारत में खिलजी वंश की स्थापना कब हुई ?
  7. अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु के पश्चात कौनसी वंश की स्थापना हुई ? 
  8. भक्ति काल में हिंसक वृत्तियां कोमल वृत्तियों में बदलने लगी | सही या गलत ?

Answer to Objective type questions / उत्तर

  1. भारतीय संस्कृति की सब से बड़ी विशेषता समनव्यात्मकता है|
  2. 1375 वि. सं से 1700 वि.सं तक |
  3. मुख्यतः दो काव्यधराएँ हैं सगुण और निर्गुण |
  4. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  5. चौहान वंश के |
  6. सन् 1290 में |
  7. तुगलक वंश की स्थापना की ।
  8. सही |

Assignment / प्रदत्तकार्य

  • भक्ति भावना जगाने का पर्याप्त परिश्रम भक्ति काल की सबसे बड़ी विशेषता है , स्पष्ट कीजिये |

Self Assesment / आत्म मूल्याकन

  • भक्तिकाल के सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियाँ लोगों में भक्ति जगाने को कहाँ तक सहायक बना?