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HISTORY OF HINDI LITERATURE
0/34
Environmental Studies
English Language and Linguistics
Introduction to Mass Communication
Private: BA Hindi
About Lesson

इकाई : 1

रीतिकाल- सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक परिवेश

Learning Outcomes / अध्ययन परिणाम

  • हिन्दी साहित्य के उत्तर मध्यकाल या रीतिकाल की जानकारी प्राप्त करता है ।
  • रीतिकाल के समय की सामाजिकता समझता है ।
  • रीतिकालीन समाज और विभिन्न वर्गों की स्थिति की जानकारी प्राप्त करता है |
  • रीतिकाल के समय की धार्मिक परिवेश समझता है |
  • रीतिकाल के समय की राजनीतिक परिवेश समझता है ।
  • हिन्दी साहित्य के उत्तर मध्यकाल या रीतिकाल के समय की सांस्कृतिक परिवेश समझता है ।
  • रीतिकाल के साहित्यिक एवं आर्थिक वातावरण के बारे में जानकारी प्राप्त करता है ।

Prerequisites / पूर्वापेक्षा

इतिहास का लक्ष्य अतीत की व्याख़्या करते हुए विकास क्रम की जानकारी प्राप्त करना है । अत:  हम कह सकते हैं कि इतिहास के बिना वर्तमान का अध्ययन अधूरा है । इसलिए ही इतिहास के अध्ययन के बिना किसी भी क्षेत्र की विस्तूत जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है । साहित्य की आलोचना के संदर्भ में भी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उपयोग किया जाता है । इस लिए कह सकते है कि  हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में भी इतिहास लेखन की यह प्रमुखता देख सकते है ।

रीति काल हिन्दी साहित्य के तीसरा काल है । यह काल ‘उत्तर मध्यकाल’ नाम से भी जाने जाते हैं । आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने इसकी समय-सीमा संवत् 1700 से संवत् 1900 तक निश्चित किया गया है । इस युग के साहित्य में रीति निरूपण और श्रृंगारिकता  की प्रवृत्तियां देख सखते हैं |

किसी भी साहित्य की गतिविधियों को समझने केलिए उस काल के साहित्य की तत्कालीन परिस्थितियों को समझना अनिवार्य है । इस दृष्टि से रीतिकालीन सामाजिक,धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों का अध्ययन करना आवश्यक है  | रीतिकालीन समाज भेद-भावों से भरा हुआ था । मुगलों का पतन और अंग्रज़ों का शासन आदि के  कारण राजनीतिक क्षेत्र  में भी अशांति था । सांस्कृतिक अवस्था भी शोचनीय थी । लोग धार्मिक मूल्यों से दूर रहकर विलास क्रीडाओं में आकृष्ट होने लगें ।

Key Themes / मुख्य प्रसंग

रीतिकाल में देश की राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक बदलाव का असर साहित्य पर देख सकते हैं । इस कारण से इस युग का साहित्य अत्यंत समृद्ध कहा जा सकता है । इस युग के अधिकांश कवि अपने आश्रयदाताओं की प्रशंसा कर रहे थे । इस युग के कवियों की व्यापक प्रवृत्ति श्रृंगारिक हैं । इस काल की रचनाएँ संस्कृत काव्य शास्त्र की पद्धति के अनुसार होने के कारण इस युग को “रीतिकाल” कहा जा सकता है ।

Discussion / चर्चा

5.2.1 रीतिकालीन सामाजिक परिवेश   

रीतिकालीन समाज सामंतवादी समाज था । समाज भेद-भावों से भरा था । कुरीतियों से भी भरा हुआ था । समाज में मुख्य रूप से दो वर्ग  थे । उच्च वर्ग या अमीर और निम्न वर्ग या गरीब ।  किसान और श्रमिक वर्ग निम्न या गरीब वर्ग में आते हैं । शासक वर्ग , साहूकार और व्यापारी वर्ग अमीरों का प्रतीक था । जनसामान्य की शिक्षा ,चिकित्सा आदि का कोई प्रबंध नहीं था । लोग नैतिक मूल्यों से अलग रहते थे ।

5.2.2 रीतिकालीन सांस्कृतिक और धार्मिक परिवेश

इस युग की सांस्कृतिक परिवेश अत्यंत शोचनीय थी ।  अकबर, जहांगीर और शाह्जहां की उदारवादी नीति के कारण इस्लाम और हिन्दू संस्कृतियाँ निकट आये थें । संतों और सूफियों का योगदान भी उल्लेखनीय हैं । लेकिन बाद में आयी राजनीतिक बदलाव के कारण  लोग विलास क्रीडाओं में लगने लगे । मंदिरों में भी विलास की लीला होने लगी । हिंदू और इस्लाम धर्म के लोग जीवन की वास्तविकता से हट गया । धर्म के आध्यात्मिक प्रभाव से हटकर जीवन बिताते थे । इस प्रकार हिंदू और मुसलमान दोनों, धर्म के मूल सिद्धांतों से दूर रहते थें । बाह्याडम्बर और अंधविश्वास में डूब गया था |  पूजारी और मुल्ला जनता के इस अंध्विश्वास का लाभ उठाते थे ।

रीति काल की धार्मिक समाज में नैतिकता कम थी, अनैतिकता बढ़ चुकी थी । समाज में जातिवाद , अंधविश्वास, छुआछूत, तरह-तरह की रूढ़ियाँ, बाह्याडंबर, स्त्रियों के प्रति अन्याय आदि ज्यादा से ज्यादा फैले हुए थे । हिन्दुओं में विविध देवी-देवों की आराधना की प्रथा थी । मुसलमान एकेश्वरवाद पर आगे बढ़ते थे । कहीं-कहीं हिन्दु-मुसलमान में मानसिक अंतर था ।

5.2.3 साहित्यिक परिस्थिति

 रीति काल में  मुगल शासक  शासन करते थे  । मुगल शासक संगीत, शिल्पकला, चित्रकला आदि को प्रोत्साहन देते थे । श्रृंगारिकता रीतिकालीन कवियों का प्राण रहे थे । अधिकांश कवि राजा-महाराजा को खुशामद करने के लिए श्रृंगार पर अवलंबित रचनाएँ करते थे । रीतिमुक्त कवियों ने कृष्ण के इतिहास-चरित काव्य विषय बनाया है ।

 इस काल में कवियों और रचनाकारों को अपने राजा से सम्मान प्राप्त करने के कारण साहित्य और कला की स्थिति अच्छी रही ।

5.2.4 रीतिकालीन राजनीतिक परिवेश

रीतिकाल  मुगल  शसन के वैभव के बाद का समय है । मुगल शासन  समय देश में शांति थी । राजनीतिक दृष्टि से यह काल मुगलों के शासन के चरमोत्कर्ष काल  है । शाह्जहां के शासन काल में मुगल वैभव अपनी चरम सीमा पर रहा । जहांगीर अपने शासन काल में राज्य का विस्तार किया । शाह्जहां ने उसकी वृद्धि की । राजपूतों ने भी शासन कार्य संभाला ।  शाह्जहां की  मृत्यु के बाद उनके पुत्र शासन कार्य संभाला । दाराशिकोह और औरंगज़ेब  उन्में से हैं  । औरंगज़ेब के पश्चात लगभग 50 वर्ष तक शासन स्थिर न हुआ । जो अधिक समय केलिए आये , वे विलास में निमग्न रहने के कारण राज्य की देखभाल न कर सका।

Critical Overview / आलोचनात्मक अवलोकन

रीतिकाल में कवियों और कलाकारों को तत्कालीन राजाओं से सम्मान प्राप्त होने के कारण साहित्य और कला की स्थिति अच्छी ही रही । लेकिन  विलासी राजाओं के आश्रय में रहेने के कारण इन कविओं का मुख्य लक्ष्य उन्हें संतुष्ट करना था । इसलिए इन रचनाओं में साहित्यिक गुण का अभाव देख सकते हैं ।

Recap / पुनरावृत्ति

  • हिन्दी साहित्य में भक्तिकाल के बाद का समय है रीतिकाल ।
  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल इसे रीतिकाल नाम दिया ।
  • यह मुगलों के शासन काल के बाद का समय है ।
  • अधिकांश कविगण राजाश्रय में रह्ते थे ।
  • साहित्यिक रचनाओं का समृद्धि का समय था रीतिकाल।
  • रीतिकाल की सामाजिक परिस्थिति शोचनीय थी ।
  • जनसामान्य की आर्थिक दुरवस्था ।
  • राजनीतिक बदलाव ।

Objective Questions / वस्तुनिष्ट प्रश्न

  1. रीतिकाल का समय सीमा क्या है?
  2. ‘उत्तर मध्यकाल’ किस काल का दूसरा नाम है ?
  3. रीतिकाल को ‘रीतिकाल’ नाम किसने दिया ?
  4. साहित्यिक दृष्टि से रीतिकाल की स्थिति कैसी थी ?
  5. रीतिकालीन कविगण कैसे जीवन बिताते थे ?
  6. भक्तिकाल के बाद के समय का नाम क्या है?
  7. रीतिकालीन समाज किस तरह का था ?
  8. इस युग के साहित्य की मुख्य प्रवृत्तियाँ क्या क्या है ?
  9. इस युग को ‘रीतिकाल’ कहने का कारण क्या है ?
  10. इस युग के अधिकांश कवियों का विषय क्या था ?

Answer / उत्तर

  1. संवत् 1700 से संवत् 1900 ।
  2. रीतिकाल ।
  3. अचार्य रामचन्द्र शुक्ल ।
  4. समृद्धि का समय था ।
  5. राजाश्रय में रह्ते थे ।
  6. रीतिकाल।
  7. सामंतवादी समाज था ।
  8. रीति निरूपण और श्रृंगारिकता ।
  9. संस्कृत काव्य शास्त्र के पद्धति के अनुसार होने के कारण
  10. अपने आश्रयदाताओं की प्रशस्तियाँ लिकते थे ।

Assignment / प्रदत्तकार्य

  1. रीतिकालीन विभिन्न परिस्थितियों का परिचय देकर साहित्यिक विकास पर टिप्पणी तैय्यार कीजिए ?
  2. रीति काल के राजनीतिक और धार्मिक परिस्थिति के बारे में एक निबंध तैयार कीजिए ।

Self Assesment / आत्म मूल्याकन

  • हर एक काल के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक परिवेश के अनुसार साहित्यिक गतिविधियां बदलती रहती हैं  | स्पष्ट कीजिए ?