इकाई : 2
वीरगाथकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ
Learning Outcomes / अध्ययन परिणाम
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Prerequisites / पूर्वापेक्षा
वीरगाथा काल के रचनाओं के प्रमुख विषय राजाओं के शौर्य प्रदर्शन । युद्धों का सजीव वर्णन । अपने राज्य के विस्तार । आक्रमणों का सामना । |
Key Themes / मुख्य प्रसंग
वीररस प्रधान रचनाएँ ।
रासो साहित्य ।
युद्ध वर्णन ।
शौर्य प्रदर्शन ।
आश्रयदाताओं की प्रशंसा ।
Discussion / चर्चा
आचार्य शुक्ल ने प्रारंभिक काल में वीरगाथाओं की प्रमुखता को ध्यान में रखकर इसे वीरगथा काल के नाम से अभिहित किया । यह नामकरण उन्होनें 12 पुस्तकों में वीरगाथात्मक साहित्य से संबंधित पुस्तकों की अधिकता को देखकते हुई किया । उक्त काल के भीतर दो प्रकार की रचनाएँ मिलती हैं :-
2.2.1 अपभ्ंश और देश भाषा ( बोलचाल ) की ।
अपभ्ंश रचनाएं :-
- विजयपाल रासो ।
- हम्मीर रासो ।
- कीर्तिपताका ।
- कीर्तिलता ।
देशी भाषा काव्य की आठ पुस्तकों का नाम :-
- खुमान रासो ।
- बीसलदेव रासो ।
- पृथ्विराज रासो ।
- जयचन्द्र प्रकाश ।
- जयमयकांजस चन्द्रिका ।
- परमाल रासो ।
- खुसरो की पहेलियां ।
- विद्यापति पदावली ।
2.2.2 वीरगाथात्मक प्रमुख रचनाएं :-
- चन्दपरदाई कृत पृथ्वीराज रासो
- जग्निक कृत परमाल रासो
- नल्लसिंह कृत विजयपाल रासो
- दलपति विजय कृत खुमाण रासो
- नरपतिनाल्ह कृत बीसलदेव रासो
- शारड्ंधर कृत हम्मीर रासो
- मधुकर कृत जयमयकं जसचन्द्रिका
- भटकेदार कृत जयचचंद्र प्रकाश
- अब्दुरहमान कृत सन्देश रासक
- विद्यापति की पदावली
- अमीरखुसरो की पहेलियां
- खुमान रासो : दलपति विजय
इसमें चित्तौड़ के राजा खूमाण द्वितीय का वर्णन है । रचना वीररस प्रधान है । गाथा और चौपाई छंद का प्रयोग हुआ है । खुमाण रासो की अभी तक प्रति प्राप्त है ।
- बीसलदेव रासो – नरपति नाल्ह
इसके रचयिता नरपति नाल्ह है । बीसलदेव रासो की कथा चार खंडों में विभाजित है। अजमेर के चौहान राजा बीसलदेव और वर्मा की पुत्री राजमती का विवाह,विरह और पुनर्मिलन की कहानी है । बीसलदेव रासो नृत्य गीत प्रधान है ।
- पृथ्वीराज रासो : चंदबरदाई
पृथ्वीराज रासो हिंदी का प्रथम महाकाव्य और इसके रचयिता चंदबरदाई , हिंदी के प्रथम महाकवि है । कहांजाता है कि पृथ्वीराज के साथ ही चंदबरदाई का जन्म और मृत्यु हुई है । चंदबरदाई दिल्ली के महाराज पृथ्वीराज के राज कवि ही नहीं उनके सामंत और सेनापति भी था । पृथ्वीराज रासो ढाई हजार पृष्ठों का बड़ा ग्रन्थ है । प्राचीन काल में प्रचलित सभी छन्दों का प्रयोग उसमें किया गया है।
- आल्हा खंड /परमाल रासो – जग्निक
आल्हा और उदल राजा परमाल के सामंत थे क्षेत्रीय भी थे , यह वीरागीतात्मक काव्य है ।
- विजयपाल रासो – नल्लसिंह भट्ठ
इस ग्रंथ में करावली के राजा विजयपाल के युद्धों का वर्णन है । इसकी भाषा ओजस्विनी है ।
- हम्मीर रासो : शारंग्धर
इसमें अलाउद्दीन के साथ राजा हम्मीर के भयंकर युद्ध का वर्णन है ।
- जयचन्द्र प्रकाश : भटकेदार
जिस प्रकार चन्दपरदाई ने महाराज पृथ्वीराज के किर्तिमान बनाया था, उसीप्रकार भटकेदार ने खनौज के साम्राट जयचंद्र का गुण गाया । भटकेदार ने जयचंद्र प्रकाश के नाम एक महाकाव्य लिखा । जिसमें जयचंद्र के प्रताप और पराक्रम का विस्तृत वर्णन था । यह आज उपलब्ध नहीं है ।
- जयमयकांजस चन्द्रिका : मधुकर
कवि मधुकर ने जयमयकांजस चन्द्रिका नामक ग्रंथ लिखा था ।यह भी आज उपलब्ध नहीं है ।
- खुसरो की पहेलियां : अमीर खुसरो ।
अमीर खुसरो बडे विनोदी और सह्रदय व्यक्ति थे । जन जीवन के साथ खुल मिलाकर काव्य रचना करनेवाले कवियों में खुसरो का महत्वपूर्ण स्थान है । इन्होने जनता के मनोरंजन के लिए पहेलियां लिखी थी । आदिकाल में खडीबोली को काव्य की भाषा बनाने वाला पहले कवि अमीरखुसरो माने जाते है ।
- विद्यापति पदावली : विद्यापति
विद्यापति संस्कृत के महान पंडित थे । कीर्ति लता, कीर्ति पताका और विद्यापति पदावली आदि श्रेष्ठ रचनाएँ है । कीर्ति लता और कीर्ति पताका की रचना अपभ्रंश भाषा में , पदावली की रचना मैथिली भाषा में है । मधुर गीतों के रचयिता होने के कारण अभिनयजय देव नाम से भी पुकारे जाते हैं । मैथिली भाषा में लिखने के कारण मैथिली कोकिल कहलाये । हिंदी के आदि गीतकार उपाधि विद्यापति को ही दे सकते हैं ।
आदिकालीन वीरगाथात्मक रचनाएं हिंदी साहित्य की समृद्धि की परिचायक हैं ,तथा ये काव्यधाराएं परवर्ती काव्य की पृष्ठभूमि तैयार करती हैं।
चर्चा के बिंदु
वीर और श्रृंगार रस की प्रचुरता ।
शौर्य प्रदर्शन के लिए युद्ध ।
हिंदू राजाओं की विवाह संबंधी लोभ वृत्ति ।
Critical Overview / आलोचनात्मक अवलोकन
हिंदी साहित्य का जन्म वीरों और तलवारों के बीच हुआ था । इसलिए वीरगाथकाल का , साहित्य युद्ध साहित्य होना स्वाभाविक है । वीरगाथात्मक रचनाओं में वीर और श्रृंगार रस का चित्रण दिखाई पड़ता है । वीरगाथात्मक रचनाओं में मुख्य रूप से किसी राजा के शौर्य की गाथा, युद्ध वर्णन दिखाई जाती है ।
Recap / पुनरावृत्ति
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Objective types Questions / वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. बीसलदेवरासो के रचयिता कौन है? |
Answers / उत्तर
1. नरपतिनाल्ह। |
Assignment / प्रदत्तकार्य
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Self Assesment / आत्म मूल्याकन
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