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HISTORY OF HINDI LITERATURE
0/34
Environmental Studies
English Language and Linguistics
Introduction to Mass Communication
BA Hindi
About Lesson

इकाई : 4

रीतिकाल के अन्य प्रमुख कवि और प्रवृत्तियॉ

Learning Outcomes / अध्ययन परिणाम

  • रीतिकालीन अन्य प्रमुख कवियों की जानकारी प्राप्त करता है ।
  • रीतिकालीन अन्य काव्य प्रवृत्तियों की जानकारी प्राप्त करता है ।
  • रीतिकालीन भक्ति काव्य की जानकारी प्राप्त करता है ।
  • रीतिकालीन सूफी काव्य की जानकारी प्राप्त करता है ।
  • रीतिकालीन अन्य प्रेमाख्यान काव्य की जानकारी प्राप्त करता है ।

Prerequisites / पूर्वापेक्षा

रीतिकाल में राजा महाराजाओं के जीवन विलासिता से अतिरिक्त आम जनता धार्मिक प्रवृत्तियों से अधिक प्राभावित थे । निर्गुण भक्ति धारा से प्रभावित होकर जनसाधारण से अनेक कवि उभरकर आयें । फलस्वरूप रीतिकाल में अनेक भक्तिकाव्य की रचना हुई ।  साथ ही अनेक सूफी और प्रेमाख्यान काव्य भी देख सकते है ।

Key Themes / मुख्य प्रसंग

रीतिकाल की मुख्य प्रवृत्तियों के अलावा अन्य साहित्यिक प्रवृत्तियाँ भी रीतिकाल को संपन्न बना देते हैं । इनमें भक्ति भावना, सूफी अथवा प्रेमाख्यान की प्रवृत्तियाँ आदि उल्लेखनीय है ।

Discussion / चर्चा

6.4.1 संत भक्तिकाव्य
भक्तिकाल के बाद अपनी ज्ञान योग भावना को अग्रसर करने में रीतिकाल के कई संत कवियों ने समय -समय पर योग दिया। इनमें से प्रमुख हैं यारी साहब, दरिया साहब, जगजीवनदास, पलटू साहब, चरन दास, शिवनारायण और तुलसी साहब आदि।
6.4.2 सूफी तथा प्रेमाख्यान काव्य
भक्तिकाल के बाद रीतिकाल में भी पेमाख्यान काव्य परंपरा की प्रवृत्ति देख सकते हैं। यह दो प्रकार के होते थे अध्यात्मिक सिद्धांत परक तथा लौकिक प्रेमपरक। प्रमुख कविगण हैं, कासिमशाह, नूर मुहम्मद, शेख निसार, सूरदास, दुखहरंदास आदि।
6.4.3 अन्य प्रवृत्तियाँ
रीतिकालीन प्रेमाख्यान प्रवृत्तियों में भक्तिकालीन प्रेमाख्यान काव्य भाषा की सरलता और स्वाभाविकता नहीं देख सकते हैं। उनमें अधिक अलंकरण, पाण्डित्य प्रदर्शन और नायक- नायिका भेद की प्रवृत्ति देख सकते हैं। रीतिकालीन राम काव्य, कृष्ण काव्य, नीतिकाव्य और वीर काव्य आदि उदाहरण हैं।

Critical Overview / आलोचनात्मक अवलोकन

रीतिकालीन समाज या कवियों में तत्कालीन जनता को प्रेरणा या संदेश देने वाली कोई प्रवृत्ति दिखाई नहीं देती। तत्कालीन रीतिकालीन काव्यों में नवीन जीवन दर्शन तो नहीं देख सकते। तत्कालीन राजाओं के विलासपूर्ण जीवन शैली के कारण रचनाओं में राष्ट्रीय भावना की कमी दिखाई पडता था।

Recap / पुनरावृत्ति

  • भक्ति केंद्रित रचनायें देख सकते हैं ।
  • सूफी काव्य की रचना ।
  • प्रेमाख्यान काव्य की रचना ।
  • राम और कृष्ण काव्य की रचना ।

Objective Questions / वस्तुनिष्ट प्रश्न

  1. अन्य रीतिकालीन प्रवृत्तियाँ क्या क्य हैं ?
  2. अन्य रीतिकालीन संत कवियों क नाम लिखिए?
  3. रीतिकाल की पेमाख्यान काव्य परंपरा की प्रवृत्ति क्या क्या है ?
  4. रीतिकाल के अन्य प्रमुख काव्य क्या क्या हैं?
  5. रीतिकाल के सूफी तथा पेमाख्यान काव्य परंपरा के तीन  कवियों का नाम लिखिए    ?
  6. भक्तिकाल के बाद रीतिकाल में भी पेमाख्यान काव्य परंपरा | सही या गलत ?
  7. रीतिकालीन प्रेमाख्यान प्रवृत्तियों में भक्तिकालीन प्रेमाख्यान काव्य भाषा की सरलता और स्वाभाविकता नहीं देख सकते है । सही या  गलत ?
  8. रीतिकाल में राम और कृष्ण काव्य की रचना भी हुई है ? सही या गलत ?

Answer / उत्तर

  1. सूफी तथा प्रेमाख्यान
  2. दरिया साहब’, ‘जगजीवनदास’,’पलटू साहब’ , ‘चरन दास’ , ‘शिवनारायण’ और ‘तुलसी साहब’
  3. अध्यात्मिक सिद्धांत परक और लौकिक प्रेमपरक |
  4. राम काव्य, कृष्ण काव्य, नीतिकाव्य और वीर काव्य |
  5. कासिमशाह, नूर मुहम्मद, शेख निसार
  6. सही |
  7. सही |
  8. सही |

Assignment / प्रदत्तकार्य

  • रीतिकालीन अन्य कवियों की प्रवृत्तियों पर लेखनी तैयर कीजिए?

Self Assesment / आत्म मूल्याकन

  • रीतिकाल के संत कवियों का योगदान पर अपना विचार स्पष्ट कीजिए?

Reference Books / सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

  1. हिन्दी साहित्य का इतिहास – आचार्य रामचंद्र शुक्ल ।
  2. हिन्दी साहित्य का इतिहास – डॅा.नगेन्द्र ।
  3. युग और प्रवृत्तियाँ – डॅा. शिव कुमार मिश्र ।
  4. बिहारी और सतसई– पद्मसिंह शर्मा ।
  5. बिहारी सतसई: तुलनात्मक अध्ययन – पद्मसिंह शर्मा ।
  6. देव और बिहारी – कृष्ण बिहारी मिश्र ।
  7. बिहारी और देव – लाला भगवानदीन ।
  8. बिहारी – विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ।
  9. बिहारी की वाग्विभूति – विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ।
  10. संक्षिप्त बिहारी – डॅा.संसार चंद ।
  11. बिहारी दिग्दर्शन – डॅा. राजकुमार वर्मा ।
  12. बिरारी सतसई – डॅा.नेमीचन्द जैन ।
  13. कविवर बिहारी और उसका युग – डॅा. रणधीर सिंह ।
  14. बिहारी सतसई – डॅा. हरिचरण वर्मा ।

E- Content / ई : सामग्री

https://youtu.be/G5vB5lzubKQ